Amritpal Arrested: डिब्रूगढ़ जेल मे रखा जाऐगा

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Amritpal Arrested: डिब्रूगढ़ जेल मे रखा जाऐगा
Amritpal Arrested: डिब्रूगढ़ जेल मे रखा जाऐगा

Amritpal Singh Arrested: 38 दिनों की फरारी, बार-बार बदली मोबाइल फ़ोन की लोकेशन , आखिर कैसे पकड़ा गया अमृतपाल सिंह, कहां-कहां रहा छिपा

Amritpal Singh Arrested: डिब्रूगढ़ जेल नॉर्थईस्ट की सबसे पुरानी जेलों में से एक है. 1860 में इसको सुरुआत हुआ था. इस जेल में अलगाववादी संगठनों जैसे यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के कई नेता और आतंकबादी को रखा गया था.

खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह कोडिब्रूगढ़ जेल भेजा गया है. बठिंडा जिला से उसे एयरलिफ्ट किया गया है. केंद्र सरकार ने बठिंडा एयरफोर्स स्टेशन से पुलिस को एक स्पेशल फ़ोर्स मुहैया करवाया है, जिससे उसे जेल ले लाया जा रहा है. डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल के करीबी दिलजीत सिंह कलसी, भगवंत सिंह, गुरमीत सिंह ये सब इसी जेल में हे.

ऐसे में सवाल है कि पहले उसके करीब और अब अमृतपाल को डिब्रूगढ़ जेल क्यों ले जाया जा रहा है जबकि उत्तर प्रदेश या हरियाणा और पंजाब की जेल में भी अमृतपाल को रखा जा सकता है. यह जेल क्यों है खास.

डिब्रूगढ़ जेल की बड़ी बातें
नॉर्थईस्ट की सबसे पुरानी जेल: डिब्रूगढ़ जेल नॉर्थईस्ट की सबसे पुरानी जेलों में से एक इस जेल में अलगाववादी संगठनों जैसे यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के कई नेता जेल में रहे हैं. उल्फा संगठन का आंदोलन जब चरम पर पहुंचा तो इससे जुड़े कई मंत्री और नेता की गिरफ्तारी हुई और उन्हें डिब्रूगढ़ की केंद्रीय जेल में रखा गया.
सबसे सुरक्षित जेल: पंजाब पुलिस ने कई बार यह दावा किया है कि डिब्रूगढ़ जेल की गिनती राज्य की सबसे सुरक्षित जेलों में की जाती है. यहां पर अमृतपाल के 8 करीबी कैद हैं. अमृतपाल के करीबियों को यहां जेल में रखने की प्रक्रिया को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा में पुलिस-टू-पुलिस कोऑपरेशन प्रकिया का हिस्सा बताया था. शहर के बीचों-बीच बनी यह जेल 76,203.17 वर्ग मीटर में फैली हुई है. इसमें 40 फ़ीट ऊंची दीवारें बनी हैं.
चप्पे-चप्पे पर 60 CCTV कैमरा से पहरा: डिब्रूगढ जेल पिछले कुछ समय से खालिस्तानी समर्थकों के कारण चर्चा में है. उसके बाद एक यहां ऐसे आरोपियों को रखे जाने के कारण सुरक्षा व्यवस्था और भी ज्यादा टाइट की गई है. जिन बैरकों में अमृतपाल के समर्थकों को रखा गया है वहां सुरक्षा का हाई सिक्यूरिटी है. यहां पहुंचना मुश्किल है. HT की रिपोर्ट में जेल के अधिकारी ने बताया कि गेट से लेकर बैरक तक 60 सीसीटीवी कैमरे कैदियों की हर हरकत पर नजर रखते हैं.
688 कैदियों की क्षमता: डिब्रूगढ़ जेल के एक अधिकारी के मुतााबिक, देश की इस सेंट्रल जेल में 688 कैदियों को रखने की व्यवस्था है, लेकिन वर्तमान में यहां 440 कैदी हैं. यह जेल बड़ी संख्या में कैदियों को रखने के लिए पर्याप्त स्थान है. हालांकि, सेंट्रल जेल में ऐसे कैदियों को रखा जाता है जिन्हें 5 साल या इससे लम्बे समय की सजा सुनाई जाती है. सेंट्रल जेल में सुविधाएं भी मौजूद हैं.
अमृतपाल के लिए डिब्रूगढ़ जेल क्यों चुनी गई: अमृतपाल को डिब्रूगढ़ क्यों ले जाया जा रहा है, इसकी कई वजह बताई गई हैं. जैसे- पिछले कुछ समय में यहां की जेल की सुरक्षा व्यवस्था को हाई सिक्यूरिटी पैर दिया जाता हे गया है. दिल्ली और पड़ोसी राज्यों की जेलों में पहले से पंजाब के कई गैंगस्टर और अलगाववादी हैं. इसलिए पंजाब सरकार अमृतपाल और उसके सहयोगियों को डिब्रूगढ़ जेल भेजने का नेरनै लि है . एक वजह यह भी बताई गई है असम में ऐसे समर्थक नहीं हैं, इसलिए इन्हें वहां रखना सुरक्षित विकल्प है.

 

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